Unique Land Parcel Identification Number: भू – आधार योजना से होंगे किसानों को जबरदस्त फायदे, पूरी जानकारी पाएं

Unique Land Parcel Identification Number: अक्सर आपने भी गांव में जमीन के वाद विवाद में लोगों को आपस में लड़ते हुए देखा होगा। लेकिन अब शायद ऐसा ना हो पाए, क्योंकि सरकार ने इस समस्या का स्थाई तौर पर समाधान निकाल लिया है। जैसे किसी इंसान का आधार कार्ड बनाया जाता है, वैसे ही आपके जमीनों का भी आधार कार्ड बनाया जाएगा। 

जिसको भू – आधार के नाम से जाना जाएगा। इस योजना के तहत जमीनों का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रखा जाएगा। जिससे  किसी भी समस्या के होने पर उसका समाधान तुरंत निकल सकेगा। भू – आधार में जियो टैगिंग, जमीन का नक्शा, मालिकाना हक, जमीन की लंबाई – चौड़ाई और खरीदने – बेचने का पूरा ब्यूरो इसमें दर्ज होता रहेगा। 

क्या आ भू – आधार के बारे में जानते हैं, अगर नहीं तो मैं आपको बता दूं, इस योजना को 31 दिसंबर 2023 तक सभी राज्यों में लागू कर दिया गया था। लेकिन बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुनः इस योजना को गति देने की बात कही है। जिसका जिम्मा प्रदेश सरकारों पर होगा। तो आईए जानते हैं भू – आधार क्या होता है 

भू आधार क्या है? 

भू आधार 14 अंकों की अल्फा – न्यूमेरिक यूनिक आईडी होती है। जो पार्सल के शीर्षों के निर्देशांक पर आधारित होती है। हर जमीन के लिए अलग-अलग भू – आधार होती है। जिसका निर्देशांक अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार होता है। आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स कोड प्रबंधन संगठन और ओपन जिओ स्पेशलिस्ट कंसोर्टियम का पालन करते हुए इस भू – आधार योजना को पूरे देश में लागू किया जा रहा है। 

भू आधार योजना से लाभ 

  • थोड़ी-थोड़ी बातों पर जमीन से जुड़े विवाद हमेशा के लिए समाप्त होंगे। 
  • जमीन को खरीदने और बेचने में आसानी होगी। 
  • जमीन के वर्तमान मालिक का नाम और उसका विवरण पता चल जाएगा। 
  • जमीन की सेटेलाइट से जियो टैगिंग।
  • रियल एस्टेट में फायदा होगा। 
  • जमीन आधारित लोन जल्दी मिल पाएगा। 
  • जमीन का पूरा ब्यौरा डिजिटल हो जाएगा।
  • न्यायालय में पुराने से पुराने जमीनी विवाद का समाधान होगा।
  • तहसील में जमीन से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा।

भू – आधार कार्ड की पात्रता 

  • भू – आधार या Unique Land Parcel Identification Number (ULPIIN) सबके लिए अनिवार्य होगा। 
  • जिनके पास जमीन है वह इसके पात्र होंगे।
  • यह जमीन कृषि योग्य हो या घर बनाने के लिए शहरों में लिया गया प्लॉट।

भू – आधार के लिए आवेदन कैसे करें? 

  • भू – आधार बनवाने के लिए सभी राज्यों में आवेदन शुरू हो गए हैं, इसके बारे में नीचे बताया जा रहा है
  • भू – आधार बनाने के लिए सरकार प्रत्येक गांव में कैंप लगाकर किसानों का डाटा कलेक्ट करेगी। 
  • सेटेलाइट की मदद से आपके जमीन की टैगिंग और मैपिंग की जाएगी।
  • जमीन के डाटा को भू – आधार के जरिए भूस्वामी को मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा। 
  • भू- आधार को राज्य अपने हिसाब से नया नाम भी दे सकेंगे। 

उत्तर प्रदेश में भी भू – आधार बनाने का काम सरकार ने शुरू कर दिया है। जिसके तहत कर्मचारी गांव- गांव जाकर किसानों और भूस्वामियों का डाटा जिओ -मैपिंग के माध्यम से अपडेट कर रहे हैं।

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